पीरियड़्स के दौरान वर्कआउट करना होता है फायदेमंद, जानिये एक्सपर्ट की राय

पीरियड़्स के दौरान वर्कआउट करना होता है फायदेमंद, जानिये एक्सपर्ट की राय

सेहतराग टीम

आज के समय में हमारे शरीर में कई तरह के रोग होते हैं, जिससे हमेशा हम लोग सावधान रहना चाहते हैं। दरअसल आज के समय से कई नए रोग आ गये हैं, जिससे लोग अभी रुबरु भी नहीं हुए है। वैसे तो सभी रोग सेहत के लिए नुकसानदायक होते है इसलिए बच्चे,महिलाएं और हर उम्र के लोग सजग रहते हैं। वही कई रोग ऐसे है जो सिर्फ महिलाओं को होते है और कुछ रोग से पुरुष पीड़ित रहता है। उन्ही में से सबसे ज्यादा हमें पीरियड्स के बारे में सुनने को मिलता है, जो सिर्फ महिलाओं में होता है। वैसे ये कोई रोग नहीं है लेकिन पीरियड़्स के बारे में अधिकतर लड़कियों और महिलाओं के दिमाक में डर बना रहता है। क्योंकि पीरियड़्स के समय महिलाओं को काफी दर्द झेलनी पड़ती है। वहीं उनके मन में हमेशा एक सवाल आता है कि क्या पीरियड़्स के दौरान वर्कआउट किया जा सकता है? तो आज हम इसी विषय में आपको बताएंगे कि आखिर पीरियड़्स के दौरान वर्कआउट करना चाहिए या नहीं?

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 वैसे तो यह सच है कि ज्यादातर लड़कियां पीरियड्स के दौरान वर्कआउट करने के बारे में सोचती हैं। यह वास्तव में सभी लड़कियों के लिए एक सामान्य प्रश्न बन गया है, लेकिन अगर आप अपनी फिटनेस रूटीन को लेकर चिंतित हैं तो हम आपको आपके इस सवाल का जवाब इस लेख में बता रहे हैं। 

क्‍या है एक्‍सपर्ट की राय 

इस विषय में डॉक्टर से बात करने पर पता चला कि  "पीरियड्स का समय कष्टदायक होता है। लेकिन यह बात बिल्कुल ग़लत है कि इस दौरान एक्सरसाइज़ नहीं करनी चाहिए। बल्कि इस दौरान एक्सरसाइज़ करने से दर्द में आराम मिलता है। ऐसे में हल्के व्यायाम जैसे- प्लैंक, स्ट्रेचिंग, वाकिंग, एरोबिक्स और योगासन कर सकती हैं। वज्रासन, धनुरासन, भुजंगासन और बालासन फायदेमंद होते हैं लेकिन फिर भी शरीर पर ज्यादा जोर डालने से बचना चाहिए और ज्यादा वजन वाले व्यायाम नहीं करने चाहिए इससे अधिक रक्तस्त्राव की समस्या हो सकती है।" 

पीरियड्स के दौरान की जाने वाली एक्‍सरसाइज और उसके फायदे  

प्‍लैंक

प्‍लैंक आर्म एक्‍सरसाइज पेट की मसल्स (इनर कोर मसल्स) को मजबूती देती है। ये अकेली एक्सरसाइज लगभग पूरे शरीर को मजबूत बनाती है और कमाल की शेप भी देती है। प्‍लैंक एक्सरसाइज न सिर्फ एक बेहतरीन वर्कआउट है बल्कि करने में भी आसान है। पेट की चर्बी कम करने के लिए यह वर्कआउट बहुत कारगर है। यह पीरियड्स के दर्द को भी कम करने में मददगार है। 

एरोबिक्‍स 

आपको पीरियड्स के दौरान एरोबिक्स एक्सरसाइज करने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि इससे कमजोरी या मूड स्विंग के लक्षणों को कम किया जा सकता है। ऐसा इसलिए है क्‍यों कि एक्‍सरसाइज से एंडोर्फिन हॉर्मोंस का उत्‍पादन होता है जो आपके मस्तिष्‍क को अच्‍छा फील कराता है और मूड स्विंग होने के स्‍तर को कम करता है। यह आपके शरीर के लिए एक प्राकृतिक दर्द निवारक की तरह काम करता है। इस एक्‍सरसाइस से शरीर का ब्‍लड सर्कुलेशन अच्‍छा रहता है, जिससे बैकपेन, सिरदर्द, क्रैंप्‍स आदि में मदद मिलती है। 

वॉकिंग 

सुबह के साफ-सुथरे वातावरण में वॉकिंग करना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। अगर आप पीरियड्स के दौर से गुजर रही हैं तो वॉकिंग आपके लिए एक अच्‍छी एक्‍सरसाइज हो सकती है। यदि आप अपने पीरियड्स के दौरान बहुत ज्‍यादा दर्द से गुज़र रही हैं, तो बहुत अधिक व्यायाम करने के बजाय आप अपने घर के पास अपने पार्क में घूमने जा सकती हैं। यह आपके दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। आप अपने कार्डियो एक्‍सरसाइज को अपने पीरियड्स के दौरान लो-इंटेंसिटी में कर सकती हैं। 

योग

योग और प्राणायाम आपके मस्तिष्‍क को शांत करता है। साथ ही साथ यह आपकी बॉडी को आराम पहुंचाने में आपकी मदद करता है, जिससे आपके तनाव का स्‍तर कम हो सकता है। योग आपके मूड स्विंग होने की घटनाओं को घटाता है साथ ही पीरियड्स के दौरान शरीर में होने वाले दर्द से आराम पहुंचाता है। योग करने से आपकी थकान दूर होती है और आप ज्‍यादा शांति महसूस कर पाते हैं। ध्‍यान रखने वाली बात यह है कि आप ज्‍यादा कठिन योगासन न करें। आप वज्रासन, धनुरासन, भुजंगासन और बालासन आदि योगासन कर सकती हैं।

स्‍ट्रेचिंग 

स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज पीरियड्स के दर्द को कम करने में काफी मददगार हैं। कुछ योगासन हैं जो स्‍ट्रेचिंग एक्‍सरसाइज़ के अंतर्गत ही आते हैं। बालासन, बुद्ध कोणासन, सुप्‍त बुद्ध कोणासन, विपरीत करणी आसन आदि। इसके अलावा कुछ एक्‍सरसाइज भी है जो स्‍ट्रेचिंग एक्‍सरसाइज के अंतर्गत की जाती है। जिसमें अलग-अलग बॉडी पार्ट्स के लिए एक्‍सरसाइज की जाती है।  

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